आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
लव जिहाद, पारिवारिक दबाव या विदेश की चाह? राधिका यादव के भाई ने हिमांशिका के आरोपों का दिया सिलसिलेवार जवाब
राधिका यादव के भाई रोहित यादव ने दोस्त हिमांशिका द्वारा लगाए गए बंधक बनाने और पाबंदियां लगाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया. रोहित ने स्पष्ट किया कि राधिका को पूरी आजादी थी और उनके पिता दीपक यादव ने वीजा और टिकट सहित सभी खर्चों का वहन करते हुए उन्हें दुनिया भर में टेनिस खेलने के लिए भेजा था.
राधिका यादव के भाई ने दोस्त हिमांशिका के दावों को किया खारिज (Photo: Instagram - Himanshika/ ITG)
(अपडेटेड 13 जुलाई 2025, 11:36 PM IST)
जूनियर इंटरनेशनल टेनिस प्लेयर राधिका यादव के संदिग्ध मौत मामले में रोजाना हर दिन नई-नई बातें सामने आ रही हैं. हत्यारोपी पिता दीपक यादव 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है. दूसरी ओर राधिका की बेस्ट ब्रेंड होने की दावा करने वाली हिमांशिका सिंह राजपूत ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है. जिसमें उसने आरोप लगाया कि राधिका का प्लानिंग के तहत हत्या किया गया. इन आरोपों को लेकर आजतक ने राधिका के भाई से बातचीत की है और उनके परिवार का पक्ष जाना है.
राधिका यादव के भाई रोहित यादव से आजतक की विशेष बातचीत
राधिका की दोस्त हिमांशिका के आरोपों पर आप क्या कहना चाहेंगे?
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Radhika Murder Case पर क्या बोला राधिका का भाई?
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हमारे गांव में कम से कम सैकड़ों लड़कियां और बहुएं हैं. कोई डॉक्टर है, कोई इंजीनियर है, कोई सरकारी नौकरी में है. पहली बात तो हमारे गांव में कोई किसी पर बंदिश नहीं लगाता इन सब चीजों की. राधिका यादव को लेकर मीडिया में जो बयान चल रहे हैं, वो गलत हैं. कोई अपने बच्चे को अगर किसी देश में खेलने के लिए भेज रहा है, तो वीज़ा मुफ्त में तो नहीं लगता. टिकट भी मुफ्त में बुक नहीं होती. सरकार ने वो टिकट बुक नहीं कराई. सरकार ने वीज़ा लगवाकर नहीं दिया. अपने पैसों से दीपक यादव (राधिका के पिता) ने अपनी बेटी को भेजा. मेरे हिसाब से दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं बचा होगा जहाँ हमारी बहन खेलने नहीं गई. मीडिया में बेफिजूल के बयान चल रहे हैं. यह पारिवारिक परिस्थिति का विषय है. जो हुआ वो या तो दीपक यादव जानते हैं या गुड़िया जानती है.
पैसों या बंदिशों की बात करें तो हमारे गांव में ऐसा कोई कल्चर नहीं है कि कोई अपने बच्चों पर बंदिश लगाता हो. वीजा में 5,00,000 लगे थे.
बंदिशों और पारिवारिक दबाव के आरोपों पर प्रतिक्रिया
हिमांशिका ने आरोप लगाए हैं कि राधिका के पिता और उनका पूरा परिवार दबाव बनाता था. फ़ोन कॉल भी परिवार के सामने करने को कहा जाता था. और भी कई तरह की बंदिशें थीं जिनसे राधिका परेशान थी. वह भारत छोड़कर दूसरे देश में शिफ्ट होने पर विचार कर रही थी. आप इस पर क्या कहेंगे?
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मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है. अगर पाबंदी होती तो वह टेनिस ही नहीं खेल पाती. इतनी आज़ादी थी बच्चे पर तभी तो वह हर देश में जाकर टेनिस खेल कर आई है. अगर बंदिश होती तो बच्चा घर से भी नहीं निकल सकता. मान लीजिए मेरे पिताजी मेरे ऊपर बंदिश लगाएं कि भाई, घर से नहीं निकलना है, तो मैं घर से नहीं निकलूंगा. बंदिशें तो वह होती हैं. अगर बंदिशें होतीं तो वह कहीं टेनिस खेलने भी नहीं जा पाती. ऐसा कुछ नहीं है. मीडिया में गलत बयान दिए जा रहे हैं. उसके खिलाफ ऐसी कोई बंदिश नहीं थी, कोई पाबंदी नहीं थी. फ़ोन कॉल को लेकर भी कोई ऐसा मामला नहीं था. परिस्थितियां किसी के परिवार में कुछ भी हो सकती हैं. लेकिन अब जो बोला जा रहा है वह गलत है.
राधिका की उदासी और विदेश जाने की इच्छा
हिमांशिका ने आरोप लगाए कि राधिका बीते कुछ महीनों से उदास रहती थी. अपनी बात किसी से कह नहीं पाती थी. वह सिर्फ मुझसे बात करती थी. उसका कहना था कि वह इस इलाके से थक चुकी है और दूसरे देश शिफ्ट होना चाहती थी.
देखिए, राधिका की मां भी हैं, उसकी कजिन भी है, उसका पूरा भरा-पूरा परिवार है. अगर उस पर बंदिश होती, चलो मान लेते हैं कि उसके पिताजी बंदिश लगा रहे थे, तो क्या वह अपने घर में किसी को नहीं बताती? क्या राधिका की वह दोस्त, हिमांशु राजपूत, जिसकी आप बात कर रहे हैं, वही उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी? मेरी विनती है कृपया करके, अब जो कुछ हो चुका है, उसको थोड़े दिन इंतज़ार दीजिए. ऐसा कुछ नहीं है, ना ही बंदिश थी. उसके परिवार में सब हैं, बहन है, मां है, भाई है, कजिन है. अब उस पर ज्यादा मीडिया में बयान नहीं दिए जाने चाहिए.
लव जिहाद के आरोप पर प्रतिक्रिया
हिमांशिका ने लव जिहाद का एंगल भी उठाया है. आप क्या कहेंगे?
हमारी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है. हमारे गांव के, हमारे परिवार के सदस्य दीपक यादव और राधिका यादव हमारे पारिवारिक सदस्य हैं. अब उनके घर में परिस्थितियां क्या पैदा हुईं, इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते. वो दीपक यादव ही बताएंगे. किस कारण से उन्होंने वह कदम उठाया, क्या परिस्थिति उस समय थी — यह वही जान सकते हैं. लेकिन मीडिया से मेरी विनती है कि कृपया करके अब उस परिवार को कुछ दिन शांति से रहने दें. उनके परिवार में बहुत बड़ा हादसा हुआ है. यह हम सबके लिए दुखद घटना है, हमारे गांव के लिए भी. हमारे गांव की हर बच्ची की हत्या हुई है. अब कारण क्या रहा, क्या नहीं रहा — यह तो उनका परिवार ही बता सकता है.
गांव में कमेंट और तानों के आरोप पर जवाब
एफआईआर में दर्ज है कि हत्यारोपी दीपक यादव ने कहा कि जब वह गांव में दूध लेने आते थे तो कुछ लोग उन पर कटाक्ष करते थे कि बेटी की कमाई खा रहे हैं. क्या आपको लगता है कि जिस गांव में वे पले-बढ़े, वहां ऐसा होता है?
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नहीं सर, यह मीडिया में गलत बयान चल रहा है. हमारे गांव में हर परिवार संपन्न है. दीपक जी का परिवार भी बहुत संपन्न है. मैं आपको पहले ही बता चुका हूं, हमारे गांव में सैकड़ों बेटियां और बहुएं हैं — कोई डॉक्टर है, कोई इंजीनियर है, कोई सरकारी नौकरी में है. कोई बंदिशें नहीं हैं और कोई एक-दूसरे पर यह ताना नहीं मारता कि आप अपने बेटे या बहू की कमाई खा रहे हो. यह सब मीडिया में गलत बयान चल रहे हैं. मुख्य बात यह है कि पारिवारिक परिस्थिति उस दिन क्या बनी — यह तो दीपक यादव जी ही जानते हैं.
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